'वेद-उपनिषद, गीता-रामायण, भागवत-गुरुग्रंथ इत्यादि धार्मिक ग्रंथों एवं सभी पहुंचे हुए संतों के वाणीयों द्वारा प्रमाणित ज्ञान का सद्गुरु महर्षि मेंहीं के वचनों से समर्थित विषय सत्संग, ध्यान, ईश्वर, गुरु, सदाचार, आध्यात्मिक ज्ञान एवं अन्य विचार आदि विषयों पर विस्तृत चर्चा का ब्लोग'
संत कवि मेँहीँ की यह दूसरी रचना है। यह 1930 ई0 में भागलपुर, बिहार प्रेस से प्रकाशित हुई थी। इसमें गोस्वामी तुलसीदासजी के रामचरितमानस के 152 दोहों और 951 चौपाइयों की व्याख्या की गयी है। इसका मुख्य लक्ष्य है-स्थूल भक्ति और सूक्ष्म भक्ति के साधनों को प्रकाश में लाना।
रामचरितमानस का मुख्य विषय
रामचरितमानस के पूरे कथानक को रखते हुए उनमें जो योग बिषयक मुख्य-मुख्य दोहा चौपाईयां हैं उनका वर्णन करके उसकी व्याख्या किया गया है । कथा को भी बनाए रखने के लिए उसका सार भाग जोड़ते हुए आगे बढ़ा दिया है। जिससे कथा का भी आनंद और योग विषयक रामचरितमानस में वर्णन का भी विशेष जानकारी प्राप्त होता है।
रामचरितमानस का कबर
मानस प्रेमियों के लिए यह बहुत ज्ञानवर्धक पुस्तक है। आइए इसकी भूमिका और प्रकाशकीय का पाठ करें।
रामचरितमानस भूमिका पृष्ठ एक
रामचरितमानस भूमिका समाप्त
रामचरितमानस प्रकाशकीय पृष्ठ एक
रामचरितमानस प्रकाशकीय समाप्त।
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MS02, रामचरितमानस-सार सटीक ।। रामायण में गुप्त-योग से संबंधित वर्णन और व्याख्या की पुस्तक
Reviewed by सत्संग ध्यान
on
8/22/2018
Rating: 5
गुरु महाराज की शिष्यता-ग्रहण 14-01-1987 ई. और 2013 ई. से सत्संग ध्यान के प्रचार-प्रसार में विशेष रूचि रखते हुए "सतगुरु सत्संग मंदिर" मायागंज कालीघाट, भागलपुर-812003, (बिहार) भारत में निवास एवं मोक्ष पर्यंत ध्यानाभ्यास में सम्मिलित होते हुए "सत्संग ध्यान स्टोर" का संचालन और सत्संग ध्यान यूट्यूब चैनल, सत्संग ध्यान डॉट कॉम वेबसाइट से संतवाणी एवं अन्य गुरुवाणी का ऑनलाइन प्रचार प्रसार।
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