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गुरुसेवी स्वामी भगीरथ साहित्य सुमनावली || Gurusevi Swami Bhagiratha Sahitya Sumanawali

गुरुसेवी स्वामी भगीरथ दास जी महाराज की सहित्य की विशेषता

     प्रभु प्रेमियों गुरुसेवी श्रीभगीरथ दासरजी महाराज की सभी पुस्तकें सारगर्भित और अत्यन्त उपयोगी है। श्रीभगीरथ दासजी महाराज, परम पूज्यपाद प्रातः स्मरणीय अनंत श्री विभूषित महर्षि मेँहीँ परमहंसजी महाराज के अनन्य सेवक रहे हैं। जब गुरु महाराज का शरीर कुछ रोगों और उनके ऑपरेशन तथा अवस्थाजन्य वार्धक्य के कारण क्षीण और दुर्बल हो गया था, तो पूज्यपाद भगीरथ बाबा ने अपने सबल, सक्षम और युवा शरीर और मन से गुरुदेव की अहर्निश अप्रतिम सेवा की। पूज्यपाद गुरु महाराज के पावन सान्रिध्य और सेवा तथा साधना से जो अमृत उन्होंने प्राप्त किया, उसकी ही झांकी उन्होंने अपने सभी पुस्तकों में दिखाने और समझाने की कोशिश की है। इनके ज्ञज्ञान ध्यान के महत्वता तभी समझ में आती है जब इनके साहित्यों का अध्ययन करते हैं ।  आईये इनका दर्शन करें ।  फिर इनके साहित्यों की चर्चा करेंगे। 

गुरुसेवी भगीरथ दास
गुरुसेवी भगीरथ दास

गुरुसेवी स्वामी भगीरथ साहित्य सुमनावली

गुरुसेवी भगीरथ साहित्य
 भागीरथ साहित्य
BS01. महर्षि मेंहीं के दिनचर्या - उपदेश,   BS02 . अपने गुरु की याद में,   BS03 .  साधक-पीयूष, BS04 . सेेवा से मेवा,  BS05 . संतमत तत्वज्ञान बोधिनी,  BS06 . परमात्म प्राप्ति के साधन,  BS07 . महर्षि मेंहीं चैतन्य चिंतन,  BS08 . गुरुदेव की डायरी,  BS09 . प्रेरक संत-संस्मरण,  BS10 . समय एवं ज्ञान का महत्व (संकलित),  BS10a The Inportance of Time and Kanoweledge   BS11 . गुरुसेवी स्वामी भगीरथ अभिनंदन ग्रंथ,    BS11  . आध्यात्मिक ज्ञानोपदेश   BS13 संतों का उत्तम उपदेश      BS14  . महर्षि मेँहीँ चित्रावली  BS15.  पूज्य गुरुदेव की अलौकिक दिनचर्या। 





प्राप्ति स्थान औफलाइन- महर्षि मॅहीं आश्रम, कुप्पाघाट, भागलपुर , बिहार ( भारत ) 812003

ओनलाइन-  सत्संग ध्यान स्टोर एवं अन्य वेवसाईट.


आपके द्वारा रचित पुस्तक जो संतमत के गूढ़-गंभीर ज्ञान को सरलतम ढंग से समझाती है- 

१. महर्षि मेँहीँ के दिनचर्या उपदेश'-  

महर्षि मेँहीँ के दिनचर्या उपदेश
महर्षि मेँहीँ के दिनचर्या उपदेश

 इसमें आपने गुरुदेव के दैनिक क्रिया-कलाप का वर्णन, उनके द्वारा बतायी गवी कुछ दवाडइयों एवं उनके कुछ प्रवचनों का संग्रह किया है। यह पुस्तक अखिल भारतीय संतमत सत्संग महासभा की ओर से प्रकाशित किया जाता है। 

२. 'संतमत तत्त्व ज्ञान बोधिनी' - 

संतमत तत्त्व ज्ञान बोधिनी
संतमत तत्त्व ज्ञान बोधिनी

 इसमें आपने संतमत में प्रतिपादित कुछ विषय जैसे -ईश्वर-स्वरूप, सत्संग, अपने से अपनी पहचान, गुरु-पूजा, सदाचार, योग के आठ अंग, जीव की नित्यता एवं आवागमन, जिज्ञासा-समाधान इत्यादि विषयों का वर्णन उदाहरण-सहित किया है। 

३. अपने गुरु की याद में 

अपने गुरु की याद में
अपने गुरु की याद में

इस पुस्तक में आपने अपने गुरुदेव के . कई चमत्कारिक संस्मरणों का समावेश किया है। इस पुस्तक से गुरुजनों की सेवा किस तरह से करनी चाहिए, इसकी जानकारी होती है। पूर्ण संत की कैसी-कैसी लीलाएँ होती हैं, उन सबका विवरण है। इस पुस्तक में पूरज्य गुरुदेव की प्रारंभिक और अंतिम जीवनी भी दर्शायी गयी है। 

४. 'महर्षि मेँहीँ चैतन्य चिन्तन'-  

महर्षि मेँहीँ चैतन्य चिन्तन
महर्षि मेँहीँ चैतन्य चिन्तन

 इस पुस्तक में आपने सत्संग - योग, चतुर्थ भाग में जो सद्गुरु महाराज द्वारा गद्य में लिखित अनुभवगम्य वाणी है, उसको बड़े ही सरल ढंग से समझाया है।

५. साधक पीयूष' - इस पुस्तिका में आपने साधक को किस प्रकार साधना में सफलता मिले इस संबंध में लिखे हैं। 

साधक पीयूष
साधक पीयूष

साथ-ही-साथ भगवान बुद्ध के पिछले जन्मों की कथा जो पुनर्जन्म को सत्यापित करता है, इसके साथ-साथ आध्यात्मिक और भी बातों को बड़े ही सरल ढंग से प्रस्तुत किया है, जो प्रेरणादायक है।

६. परमात्म प्राप्ति के साधन - 

परमात्म प्राप्ति के साधन
परमात्म प्राप्ति के साधन 

इसमें पूज्य गुरुसेवी स्वामी भगीरथ बाबा ने साधना के गहनतम अनुभूति का उपयोग करते हुए गुरु भक्त की मर्मज्ञता को प्रदर्शत किया है। इस पुस्तक के विभिन्न अध्यायों के माध्यम से भक्ति के मार्ग पर चलकर सामान्य जीवन जीते हुए भी ईश्वर-भाक्ति करने की कला पर सरल-सहज ढंग से प्रकाश डाला गया है। अंतस्साधना के विकास के विभिन्न चरणों पर विशिष्ट्ता के साथ-साथ समग्रता में संतमत की साधना का विस्तृत परिप्रक्ष्य उपस्थित किया है। यह पुस्तक अत्यन्त उपयुक्त एवं पठनीय है। सामान्य जनों को भी साधना के लिए उत्प्रेरित करता है। 

७. सेवा से मेवा - 

सेवा से मेवा
सेवा से मेवा

इसमें बताया गया है कि जो अभिवादनशील है और जो सदा वृद्धजनों की सेवा करने वाला है, उस मनुष्य की चार वस्तुएँ बढ़ती हैं-आयु, वर्ण, सुख और बल। गुरुजनों की सेवा करने का फल सेवा करनेवालों के वर्तमान जीवन में या इसके बाद वाले जीवन में अवश्य मिलता है। महापुरुषों कहना है कि सेवा का फल कभी भी निष्फल नहीं होता है; बल्कि कई गुणा अधिक बनकर सामने आता है। महापुरुषों की सेवा का संस्कार सेवा करनेवालों को उत्थान की ओर ले जाता है अर्थात् उनका यह लोक और परलोक दोनों सुखकर होता है।

८. गुरुदेव की डायरी - इसमें  गौरव महाराज के हस्तलिखित कई महापुरुषों के संक्षिप्त जीवन परिचय है और बहुत सारे भजन है जिसे हूं बहू उन्हीं के लिखित अक्षर में प्रकाशित किया गया है और समझने के लिए भारती नागरी लिपि में भी उसका ट्रांसलेट किया गया है। 

९. प्रेरक संत-संस्मरण - 

प्रेरक संत-संस्मरण
प्रेरक संत-संस्मरण

यह पुस्तक भी गुरुदेव की डायरी का है छोटा रूप है। इसमें डायरी के सभी बातों के साथ गुरु महाराज के बहुत सारे संस्मरण भी दिये गये हैं। 

१०. समय एवं ज्ञान का महत्व (संकलित) - इसमें समय और ज्ञान के महत्व को दर्शाने वाला सद्गुरु महर्षि मेँहीँ  

समय एवं ज्ञान का महत्व
समय एवं ज्ञान का महत्व

 परमहंस जी महाराज का दुर्लभ प्रवचन प्रकाशित किया गया है और साथ में  प्रातः, संयंकालीन स्तुति प्रार्थना भी दिया गया है ।  जिससे कि सभी नए सत्संगी इस पुस्तक का पाठ करके रोजाना अपने मानव जीवन को सफल बनाने का काम कर सके। 

११. आध्यात्मिक ज्ञानोपदेश (संपादित) - 

आध्यात्मिक ज्ञानोपदेश
आध्यात्मिक ज्ञानोपदेश 

आद्यात्मिक धर्मशास्त्रों में आध्यात्मक ज्ञान भरे हुए हैं। यह ज्ञान जीवन के अंदर वह संस्कार डाल देता है, जिससे जीव अंतस्साधना के द्वारा कभी-न-कभी सभी बंधनों से छूटकर मोक्ष को प्राप्त कर सके। इसी उद्देश्य को लेकर श्रीमद्भागवत पुराण, योगवासिष्ठ, महाभारत, अध्यात्म-रामायण, श्रीमद्भगवद्गीता, भगवान बुद्ध और पूज्य गुरुदेव (महर्षि मेँहीँ परमहंसजी महाराज) एवं अन्य संतों के उपदेशों में से थोड़ा संकलन कर 'आध्यात्मिक ज्ञानोपदेश' नामक पुस्तक का रूप दिया है। 

१२. संतों का उत्तम उपदेश (संकलित) 

संतों का उत्तम उपदेश
संतों का उत्तम उपदेश

 स़तों के द्वारा ज्ञान-प्रदान करने की शैली भी अनोखी है। कभी वे वैदिक धर्मियों के वर्णमाला के आधार पर ज्ञान समझाते हैं, तो कभी इस्लाम-धर्मियों के वर्णमाला अलिफनामा के आधार कभी सिक्खों के वर्णमाला के आधार पर, कभी दिनों के नाम के आधार पर तो कभी महीनों के नाम के आधार पर। पूज्यपाद ने उनकी उसी अनोखी शैली में केवल बारहमासा, ककहरा एवं चौमासा का संग्रह कर 'संतों का उत्तम उपदेश' नामक पुस्तक का प्रकाशन करवा हमें संतों के ज्ञान को गागर में सांगर की भाति व्यवस्थित कर अध्ययन-मनन करने की प्रेरणा प्रदान किये हैं।

१३. The Importance of 

The Importance of time and knowledge
The Importance .. 

 time and knowledge  ( complete d) - 
यह पुस्तक है समय एवं ज्ञान का महत्व का ही अंग्रेजी अनुवाद है। जो विदेशों में दीक्षित सत्संगियों के लिए अत्यंत लाभदायक है। 

१४. महर्षि मेंही चित्रावली 

महर्षि मेंही चित्रावली
महर्षि मेंही चित्रावली

 (संकलित) इस पुस्तक में गुरु महाराज और पूज्य बाबा के बहुत सारे सादे और ओरिजिनल व रंगीन चित्रों का संकलन है जो की सभी भक्त एवं सत्संगियों के लिए बहुत ही प्रेरणादायक एवं मानस ध्यान करने में अत्यंत सहायक है। 

१५. पूज्य गुरुदेव की अलौकिक दिनचर्या - 

पूज्य गुरुदेव की अलौकिक दिनचर्या
पूज्य गुरुदेव की अलौकिक दिनचर्या 

"मुझे विश्वास है कि इसके पढ़ने से अवश्य जानकारी होगी कि संतो की कैसी- कैसी मौज होती है और उस मौज-भरी दिनचर्यां में कितना उपदेश भरा रहता है। मैं पूज्य गुरुदेव से प्राथ्थना करता हूँ कि इस पुस्तक के पढ़ने से संतों के प्रति विशेष श्रद्धा उत्पन्न हो।"  -गुरु चरणाश्रित भगीरथ 21/11/2024ई. 


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     प्रभु प्रेमियों ! उपरोक्त सभी साहित्य के साथ-साथ सद्गुरु महर्षि मेँहीँ परमहंस जी महाराज के सभी साहित्य 

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एवं अन्य संत महात्माओं के साहित्य आप महर्षि मेँहीँ आश्रम से ऑफलाइन में खरीद सकते हैं और 'सत्संग ध्यान स्टोर' से ऑनलाइन मंगा सकते हैं। उपरोक्त पुस्तकों के बारे में विशेष परिस्थिति में 7547006282  नंबर के व्हाट्सएप पर मैसेज करें, फोन नहीं करें क्योंकि इससे मोक्ष पर्यन्त ध्यान अभ्यास में डिस्टर्ब होता है। 


गुरुसेवी स्वामी भगीरथ साहित्य सुमनावली || Gurusevi Swami Bhagiratha Sahitya Sumanawali गुरुसेवी स्वामी भगीरथ साहित्य सुमनावली  ||  Gurusevi Swami Bhagiratha Sahitya Sumanawali Reviewed by सत्संग ध्यान on 5/21/2025 Rating: 5

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