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LS08 महर्षि मँहीँ की बोध-कथाएँ 03 || स्वर्ग और नरक कौन पाता है? who finds heaven and hell

महर्षि मँहीँ की बोध-कथाएँ  / 03

     प्रभु प्रेमियों  !  लालदास साहित्य सीरीज के 08 वीं पुस्तक 'महर्षि मँहीँ की बोध-कथाएँ '  के इस लेख में  नरक कैसे मिलता है? स्वर्ग कैसे मिलता है? स्वर्ग और नरक जाने वाले व्यक्ति की पहचान क्या है? नरक में कौन जाता है? स्वर्ग में कौन जाता है. इस बात को वेश्या के कहानी से बहुत अच्छा से समझाया गया है। 

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संतमत के वेदव्यास स्वामी लालदास लालदासजी महाराज
संतमत के वेदव्यास स्वामी लालदास लालदासजी महाराज


३. स्वर्ग और नरक जानेवालों की पहचान 


     किसी नगर में एक वेश्या रहती थी । उस नगर के एक व्यक्ति की मृत्यु होने पर अपनी नौकरानी से वह बोली , “ शहर में जाकर देख आओ कि उस मृत प्राणी को स्वर्ग हुआ या नरक ? " एक साधु उसी होकर उस नगर में प्रवेश कर रहा था । वेश्या के मुख से स्वर्ग - नरक की चर्चा सुनकर वह स्तम्भित हो वहाँ खड़ा हो गया ।

     थोड़ी देर के बाद नौकरानी शहर से लौटकर आयी और बोली , " मालकिन ! उसको स्वर्ग हो गया । " एक वेश्या की नौकरानी के मुख से स्वर्ग - नरक - संबंधी इस प्रकार की परीक्षित बातें सुनकर साधु के आश्चर्य का ठिकाना न रहा । 

स्वर्ग और नरक कौन पाता है? who finds heaven and hell

     उसने वेश्या के पास जाकर पूछा , “ ऐसी कौन - सी विद्या तुम्हारे पास है , जिसके सहारे तुम्हारी नौकरानी भी जान पाती है कि अमुक व्यक्ति को स्वर्ग हुआ या नरक ? " 

     वेश्या बोली , “ साधु बाबा ! आप यह बात नहीं जानते हैं जिनकी मृत्यु से बहुत लोग दुःखी हों , जिनकी लोग प्रशंसा करते हों और कहते हों कि वे बहुत अच्छे लोग थे , तो जानिये कि उनको स्वर्ग हुआ और जिसकी मृत्यु होने पर बहुत से लोग उसकी निंदा करते हों अथवा कहते हों कि भले ही वह मर गया , बड़ा दुष्ट था , तो जानिये कि उसको नरक हुआ । ∆ ( शान्ति - सन्देश , मार्च - अंक , सन् १ ९ ६६ ई ० )


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प्रभु  प्रेमियों ! इस लेख में  नरक कैसे मिलता है? स्वर्ग कैसे मिलता है? स्वर्ग और नरक जाने वाले व्यक्ति की पहचान क्या है? नरक में कौन जाता है? स्वर्ग में कौन जाता है? , इत्यादि बातों को  जाना. आशा करता हूं कि आप इसके सदुपयोग से इससे समुचित लाभ उठाएंगे. इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार  का कोई शंका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस लेख के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी इससे लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले हर पोस्ट की सूचना नि:शुल्क आपके ईमेल पर मिलती रहेगी। . ऐसा विश्वास है. जय गुरु महाराज.


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