LS60 महर्षि मेँहीँ-शब्दकोश || साधु-संतों के उपयोगी 6,621 शब्दों के व्याकरणिक, परिभाषिक और सरलार्थ की पुस्तक
"महर्षि मेँहीँ-शब्दकोश" पुस्तक की विशेषता
प्रभु प्रेमियों ! लालदास साहित्य सीरीज में "महर्षि मेँहीँ-शब्दकोश" पुस्तक इनके द्वारा रचित पुस्तकों में शिरोमणि के रूप में प्रकाशित साहित्य है, जिसमें 6,621 साधु-संतों के उपयोगी शब्दों का अपूर्व संकलन किया गया है और इसका शब्दार्थ, भावार्थ, सरलार्थ और व्याकरणिक परिचय भी दिया गया है। आइए इस पोस्ट में इस पुस्तक के बारे में और बातों की जानकारी प्राप्त करें। जैसेकि- इसका मूल्य कितना है? कितने पृष्ठों की पुस्तक है? कहां से प्राप्त किया जा सकता है? इसका प्रकाशन कहाँ से हुआ है? आदि बातें।
महर्षि मेँहीँ-शब्दकोश |
"महर्षि मेँहीँ-शब्दकोश" एक परिचय
प्रभु प्रेमियों ! ' महर्षि मेँहीँ - शब्दकोश ' में अधिकांश शब्द सद्गुरु पूज्यपाद महर्षि मँहीँ परमहंसजी महाराज की पुस्तकों से लिये गये हैं । इस शब्दकोश की भाषा बड़ी सरल रखी गयी है । इसके निर्माण में संस्कृत , हिन्दी , अँगरेजी और उर्दू के अनेक शब्दकोशों की सहायता भी ली गयी है । इस कोश में कोष्ठक में जिस शब्द का भाषा - निर्देश नहीं किया गया है , उसे हिन्दी का शब्द समझना चाहिए । प्रस्तुत शब्दकोश के शब्दों को अक्षरों और मात्राओं के क्रम में सजाया गया है।
हिन्दी भाषा में संस्कृत, अरबी, फारसी, तुर्की और अँगरेजी के भी शब्द आये हुए हैं । शब्द के व्याकरणिक परिचय भी बताया गया है। वह किस भाषा का है, वह स्त्रीलिंग है या पुँल्लिंग, वह विशेषण है या क्रियाविशेषण, वह सकर्मक क्रिया है या अकर्मक क्रिया और वह तत्सम है या तद्भव इनकी कुछ-न-कुछ जानकारी दी गई है।
उपरोक्त बातों से संत-साहित्य प्रेमियों को अपूर्व लाभ होगा इसमें कोई संदेह नहीं है । अधिक क्या कहा जाए, पुस्तक आपके सामने नीचे प्रस्तुत है आप स्वयं देखें और विचार करके इससे उपरोक्त लाभ ले ं ।
महर्षि मेँहीँ-शब्दकोश 1 |
महर्षि मेँहीँ-शब्दकोश 2 |
|
|
|
|
|
|
|
'महर्षि मेँहीँ-शब्दकोश' पुस्तक को निम्नांकित वर्णों के क्रम में सजाया गया है। आप इसी क्रम से जिन शब्दों को जानने की इच्छा हो उसका चयन कर इसका क्या अर्थ क्या होगा? इसे जानने के लिए निम्नलिखित पृष्ठ पर जाएं और शब्दों को क्रम के अनुसार से खोज कर उसके अर्थ को जानकर लाभान्वित हो । नीचे शब्द कर्म पर क्लिक करने से आपको उस शब्द से संबंधित जो पेज है मिल सकता है. यहां कुछ शब्दों को नमूना के तौर पर देखने के लिए पोस्ट किया गया है.
** महर्षि मेँहीँ - शब्दकोश **
॥ अनुक्रम ॥
क्रमांक अक्षर शब्द क्रम
१. अ ॐ, अकॅल्ट (occult) से अहोरात्र तक
२. आ आंकना, आंख से आह्वान तक
३ . इ इक्ष्वाकु, इच्छामरण से इहलोक तक
४ . ई ईक्षण, ईर्ष्या से ईस्टर्न स्टार तक
५. उ उक्त, उक्ति से उष्ण तक
६. ऊ ऊत, ऊपर से ऊर्ध्व द्वार तक
७ . ऋ ऋग्वेद, ऋत से ऋष्यमूक तक
८ . ए एक ओम् सतनाम से एहसानमंद तक
९ . ऐ ऐकान्तिक, ऐतिहासिक से ऐहिक तक
१० . ओ ओंकार ध्वनि से ओर तक
११ . औ औंघीं, औंधा कुंआ से औषधि तक
१२ . क कंकण, कंज से क्षोभ तक
१३ . ख खंडन, खल से ख्याल तक
१४ . ग गंगा, गंगा-सागर से ग्लानि तक
१५ . घ घट, घटमाल से घ्राण तक
१६. च च, चंचल से चौदह विद्याएँ तक
१७ . छ जंग, छटा से छूत तक
१८. ज जंचना, जग से ज्योतिर्विन्दु तक
१९ . झ झंझट, झांकी से झूमर तक
२० . ट टंकोर, टीका से टेलिपैथी तक
२१ . ठ ठकुरसुहाती, ठग से ठाकुरबाड़ी तक
२२ . ड डगर, डाह से डीम तक
२३ . ढ ढहना, ढाल से ढोंगी तक
२४ . त तंत्र, तकलीफ से त्वचा तक
२५ . थ थकावट, थमना से थूनी तक
२६ . द दंड, दंभी से द्वैतावस्था तक
२७ . ध धंधा, धड़ से ध्वन्यात्मक शब्द तक
२८ . न न, नंदक से न्यून तक
२९ . प पंचरंगी, पंकज से प्राविट तक
३०. फ फंदा, फुर्सत से फ्लैटरर तक
३१. ब बंक, बंकनाल से ब्राह्मी स्थिति तक
३२. भ भंजन, भक्त से भ्रूमध्य तक
३३. म मंगता, मंगल से म्यूजिक औफ द स्फेयर्स तक
३४. य यंत्र, यक्ष से यौगिक होम तक
३५. र रंक, रंगीन से रौशनी तक
३६. ल लंगड़ा प्रत्याहार, लज्जा से लौलीन तक
३७. व वंग, वंदन से व्हीलचेयर तक
३८. श शंकर, शकल से श्वेत-श्याम तक
३९. ष षट् कर्म, षट् रस से षडैश्वर्य तक
४०. स संकलित, संकल्प से स्वाहा तक
४१. ह हंस, हजम से हौआआ तक
||महर्षि मेंहीँ - शब्दकोश सूची समाप्त||
नोट-- यहाँ जिन शब्दों के अर्थ नहीं मिल सके तो बाबा लालदास जी की ही दूसरी शब्दकोष में देंखे. जिसका नाम है- मोक्ष दर्शन का शब्द कोश ।
अभी खरीदें |
लालदास साहित्य सीरीज की अगली पुस्तक- LS61
पिंड माहिं ब्रह्मांड' |
---×---
कोई टिप्पणी नहीं:
सत्संग ध्यान से संबंधित प्रश्न ही पूछा जाए।