महर्षि मेँहीँ+मोक्ष-दर्शन का शब्दकोष / ट+त
महर्षि मेँहीँ+मोक्ष-दर्शन का शब्दकोष
टिकाकर - तमोगुण
ट
(टारन = टालनेवाला , दूर करनेवाला , नष्ट करनेवाला । P30 )
टिकाकर ( हिं ० , पूर्वकालिक क्रिया ) = स्थिर रखकर , जमाकर ।
टिप्पणी ( सं ० , स्त्री ० ) = किसी विषय पर व्यक्त किया गया अपना संक्षिप्त विचार ।
ड
डगर ( हिं ० , स्त्री ० ) = मार्ग , रास्ता ।
त
तकी ( अ ० वि ० ) = संयमी , इन्द्रिय - निग्रही , एक मुसलमान जिसे संत तुलसी साहब ने शिक्षा दी थी ।
तजना ( स ० क्रि ० ) = छोड़ना ।
तत्त्व ( सं ० , पुं ० ) = पदार्थ , वस्तु , अस्तित्ववान् पदार्थ ।
तत्त्व- दर्शन ( सं ० , पुं ० ) = आत्मतत्त्व या परमात्मतत्त्व का साक्षात्कार ।
तत्त्व - रूप ( सं ० , पुं ० ) = वास्तविक रूप , मूलरूप ।
तथा ( सं ० ) = इसी तरह , ऐसे ही , और ।
तथापि ( सं ० ) = फिर भी , तोभी ।
(तनधारि = शरीरधारी । P07)
तनु ( पुं ० ) = तन , शरीर ।
(तप्तं = तप्त , गरम । P13 )
तम ( सं ० , पुं ० ) = अंधकार । P07)
{तम - मोह = अज्ञान - अंधकार । ( तम = अंधकार । मोह = अज्ञानता । ) P04 }
{तरण = जो तर गया हो , जो पार हो गया हो , जो उद्धार पा गया हो । ( रामचरितमानस , उत्तरकांड में ' तारन तरन ' का प्रयोग देखें- " तारन तरन हरन सब दूषन । तुलसिदास प्रभु त्रिभुवन भूषन । " कहीं - कहीं सन्तों ने तारण और तरण - दोनों शब्दों का एक साथ प्रयोग ' उद्धार करनेवाला ' के अर्थ में भी किया है । ) P04 }
(तारण = तारनेवाला , पार करनेवाला , उद्धार करनेवाला । P04 )
(तामस विषय = वह विषय ( पदार्थ ) जो तमोगुण की वृद्धि करे । P13 )
(तुछ = तुच्छ , व्यर्थ , बेकार । P13 )
तमोगुण ( सं ० , पुं ० ) = प्रकृति का एक गुण या शक्ति जो विनाश का काम करती है।
तरंग - त्रिकुटी तक के शब्दों का अर्थ पढ़ने के लिए 👉 यहां दवाएं
लालदास साहित्य सूची
|
प्रभु प्रेमियों ! बाबा लालदास कृत महर्षि मेँहीँ शब्दकोश + मोक्ष-दर्शन का शब्दकोष पुस्तक के बारे में विशेष जानकारी तथा इस पुस्तक को खरीदने के लिए 👉 यहां दबाएं।
सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज की पुस्तकें मुफ्त में पाने के लिए शर्तों के बारे में जानने के लिए यहां दवाएं।
---×---
कोई टिप्पणी नहीं:
सत्संग ध्यान से संबंधित प्रश्न ही पूछा जाए।