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शब्दकोष 13 || कथित से कुल्ल मालिक तक के शब्दों के शब्दार्थ, व्याकरणिक परिचय और शब्दों के प्रयोग इत्यादि

 महर्षि मेँहीँ+मोक्ष-दर्शन का शब्दकोष / क

        प्रभु प्रेमियों ! ' महर्षि मेँहीँ+मोक्ष-दर्शन का शब्दकोश ' नाम्नी प्रस्तुत लेख में ' मोक्ष - दर्शन ' + 'महर्षि मेँहीँ पदावली शब्दार्थ भावार्थ और टिप्पणी सहित' + 'गीता-सार' + 'संतवाणी सटीक' आदि धर्म ग्रंथों में गद्यात्मक एवं पद्यात्मक वचनों में आये शब्दों के अर्थ लिखे गये हैं । उन शब्दों को शब्दार्थ सहित यहाँ लिखा गया है। ये शब्द किस वचन में किस लेख में प्रयुक्त हुए हैं, उसकी भी जानकारी अंग्रेजी अक्षर तथा संख्या नंबर देकर कोष्ठक में लिंक सहित दिया गया है। कोष्ठकों में शब्दों के व्याकरणिक परिचय भी देने का प्रयास किया गया है और शब्दों से संबंधित कुछ सूक्तियों का संकलन भी है। जो पूज्यपाद लालदास जी महाराज  द्वारा लिखित व संग्रहित  है । धर्मप्रेमियों के लिए यह कोष बड़ी ही उपयोगी है । आईए इस कोष के बनाने वाले महापुरुष का दर्शन करें--.

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सद्गुरु महर्षि में और बाबा लाल दास जी
बाबा लालदास जी और सद्गुरु महाराज

महर्षि मेँहीँ+मोक्ष-दर्शन का शब्दकोष

कथित से कुल्ल मालिक


(कंज ( कम् + ज ) = जो जल में उत्पन्न हुआ हो ; यहाँ अर्थ है कमल । P03 ) 

कथित ( सं ० , वि ० ) = कहा हुआ । 

कदापि ( सं ० , क्रि ० वि ० ) = कभी , कभी भी । 

(कपूर = जल्द जल उठनेवाला एक सुगंधि पदार्थ ; यहाँ अर्थ है - ज्योतिर्मय विन्दु । P145 )

कम ( फा ० , वि ० ) = थोड़ा , अल्प ।

(कमल = मंडल , अंदर का दर्जा या स्तर । P145 )

(कमाई = उद्योग , प्रयत्न । P09 

कमी ( फा ० , स्त्री ० ) = कम ( थोड़ा ) होने का भाव , थोड़ापन , अभाव , हानि । 

कम्प ( सं ० , पुं ० ) = कम्पन , किसी पदार्थ के काँपने या हिलने - डुलने की क्रिया । 

कम्पमय ( सं ० , वि ० ) = कम्पन से भरा हुआ , कम्पन से युक्त ( पुं ० ) शब्द जो कम्पनमय होता है । 

कर ( सं ० , पुं ० ) = हाथ , हाथी की सूँड़ , किरण ( विभक्ति ) का , के , की । ( वि ० ) करनेवाला ।  

(कर = हाथ । P09

(कर = किरण , प्रकाशमयी दृष्टि धार । P30 )

(कड़क-कड़क = घोर शब्द करते हुए । P145 )

(करण = करना ; यहाँ अर्थ है करनेवाला । P04 ) 

(कर्मणा - कर्म से । P09)

करम ( अ ० , पुं ० ) = दया , कृपा । 

करम बख्शिश ( अ ० फा ० , स्त्री ० ) = दया दान । 

(करुण कर = करुणामय हाथ , दयामय हाथ । P01 ) 

करुणा ( सं ० , स्त्री ० ) = दया । 

कर्त्तव्य कर्म ( सं ० , पुं ० ) करनेयोग्य कर्म , उचित कर्म ।

(कर्म = क्रिया , जो कुछ हो अथवा जो कुछ किया जाय । P01 ) 

कर्मेन्द्रिय ( सं ० , स्त्री ० ) = वह इन्द्रिय जिससे कोई काम किया जाता है ; जैसे हाथ , पैर , मुँह , गुदा और लिंग । 

कल्पना ( सं ० , स्त्री ० ) चिन्तन , सोच - विचार , अनुमान ।(कल्पना = विचार , धारणा | P09 )

(कल्प-विटप = कल्पवृक्ष, वह बृक्ष जिसके निकट जाने पर मन में उत्पन्न होने वाली सभी कल्पनाएं (इच्छाएँ) पूरी होती जाए।  P98 )

( काई = मैल , दोष , आवरण । नानक वाणी 03  ) 

काज ( हिं ० , पुं ० ) = कार्य , काम । 

काम ( सं ० , पुं ० ) = कामना , इच्छा , काम - वासना , मन के छह विकारों में से एक जिससे प्रेरित होकर स्त्री - पुरुष एक दूसरे की ओर खिंचते हैं । 

कामिल ( अ ० , वि ० ) = पूर्ण, पूरा , पहुँचा हुआ , निपुण ।

(कामी = कामना करनेवाला , इच्छा करनेवाला ।  P13  ) 

(काया गढ़ = शरीररूपी किला । P139 ) 

कारण ( सं ० , पुं ० ) = हेतु , प्रयोजन ,  जिससे कुछ बने या उत्पन्न हो ; कारण की खानि ( स्त्री ० ) जैसे घड़े का कारण मिट्टी है । महाकारण मंडल , साम्यावस्था धारिणी जड़ात्मिका मूल प्रकृति ।

कारण मंडल ( सं ० , पुं ० ) = वह मंडल जिससे सूक्ष्म मंडल बना है । 

कारण - रूप ( सं ० , पुं ० ) = विकृति , महाकारण का विक्षुब्ध भाग जिससे विश्व - ब्रह्माण्ड बनता है । ( वि ० ) कारण बना हुआ , जो किसी कार्य का कारण हो । 

(काल = समय । P01 ) 

(किसने मूँड़ा = किसने संन्यासी बनाया , किसने दीक्षित किया । श्रीचंदवाणी 1क1

(किसने मुँड़ाया = किसकी प्रेरणा से संन्यासी हुआ । श्रीचंदवाणी 1क) 

किंचित् मात्र ( सं ० , वि ० ) बहुत ही थोड़ा । 

(कीरति = कीर्ति , यश , सद्गुणों की चर्चा । P04 ) 

(कीशं = कीश , बन्दर ।  P13 ) 

(कुबुद्धि = बुरा विचार , बुरा ज्ञान । P13 

कुंभक ( सं ० , पुं ० ) = प्राणायाम की एक क्रिया जिसमें नाक से भीतर खींची गयी वायु को भीतर कुछ देर तक रोककर रखा जाता है । 

कुल्ल मालिक ( अ ० कुल मालिक , वि ० ) = सबका स्वामी । ( पुं ० ) परमात्मा ।


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शब्दकोष 13 || कथित से कुल्ल मालिक तक के शब्दों के शब्दार्थ, व्याकरणिक परिचय और शब्दों के प्रयोग इत्यादि शब्दकोष 13 ||  कथित से कुल्ल मालिक   तक के शब्दों के शब्दार्थ, व्याकरणिक परिचय और शब्दों के प्रयोग इत्यादि Reviewed by सत्संग ध्यान on 12/13/2021 Rating: 5

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