MS17 महर्षि मेँहीँ वचनामृत प्रथम खंड || 16 प्रवचनों में ध्यानाभ्यास, सदाचार, सद्गुरु इत्यादि व्यवहारिक ज्ञान
महर्षि मेँहीँ वचनामृत ( प्रथम खंड )
16 प्रवचनों में ध्यानाभ्यास, सदाचार, सद्गुरु इत्यादि व्यवहारिक ज्ञान
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विषय- अनुक्रम
क्रमांक विषय
१. ईश्वर का स्वरूप
२. अनेक रूपों में एक ही ईश्वर
३. जो चेतन-आत्मा से पहचान में आवे, वह ईश्वर है
४. व्यक्त तत्त्व माया है, परमात्मा नहीं
५. ईश्वर भक्ति में ईश्वर स्वरूप का ज्ञान आवश्यक
६. केवल मोटी उपासना में ही लगे नहीं रहो
७. इन्द्रिय-ज्ञान से छूटते हुए अन्तर में चलना ईश्वर भक्ति है
८. ईश्वर - भक्ति से ही परम कल्याण
९. कर्म करते हुए ईश्वर भजन करो
१०. भक्ति-संस्कार मनुष्य शरीर ही दिलाता है
११. जो माँगो, ईश्वर से माँगो
१२. आध्यात्मिक जागृति
१३. शब्द की महिमा
१४. सत्संग क्या है
१५. धर्म-सम्प्रदाय में संकीर्णता ठीक नहीं
१६. सत्संग और उसके फल
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