जड़ी-बूटी घरेलू नुस्खे || आयुर्वेदिक जड़ी-बूटीयों द्वारा साध्य-असाध्य रोगों के स्वानुभूत और परीक्षित चमत्कारी नुस्खों का संग्रहणीय पुस्तक।
जड़ी-बूटी घरेलू नुस्खे
प्रभु प्रेमियों ! शरीर स्वस्थ रह सके इसके लिए संत-महापुरुष की वाणियों तथा धर्मग्रंथों के उपदेशों के साथ-साथ स्वस्थ रहने के घरेलू नुस्खे की जानकारी प्रत्येक व्यक्ति को होना चाहिए। कहा गया है- 'स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन का वास होता है।' स्वस्थ शरीर रहने पर ही धर्म-साधना एवं ईश्वर की भक्ति कर सकते हैं। संतों के उपदेश से कर्तव्य-कर्म की जानकारी होती है। परमात्मा की भक्ति तथा सदाचार पालन करने की शिक्षा मिलती है। पाप-पुण्य तथा धर्म-अधर्म का ज्ञान होता है। संसार में जीने की कला लोग सिख पाते हैं, फलस्वरूप लोगों का लोक-परलोक दोनों सुखमय बन जाता है। पर साधना करने के लिए स्वस्थ शरीर रहना भी जरूरी है।
स्वास्थ्य दो प्रकार के होते हैं- शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य ठीक नहीं रहने पर जीने का आनंद नहीं मिलता। अस्वस्थ व्यक्ति का मनोबल गिरा हुआ रहता है। वह हमेशा चिंतित और उदास रहा करता है। अस्वस्थ व्यक्ति न तो इहलौकिक और न पारलौकिक उन्नति कर पाता है। जड़ी-बूटी घरेलू नुस्खे स्वामी सुरेशानन्द की आठवीं पुस्तक है। इस पुस्तक में शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने के नियम-संयम बताये गये हैं और शरीर में उत्पन्न रोगों को दूर करने की आयुर्वेदिक दवाएँ बतायी गयी हैं। संसार में हर व्यक्ति किसी-न-किसी रोग से ग्रस्त पाया जाता है। यह पुस्तक बहुत महत्त्वपूर्ण है और घर-घर में रखनेयोग्य है।
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सत्संग ध्यान से संबंधित प्रश्न ही पूछा जाए।