12. शेख सादी की शिक्षाप्रद कथाएँ
अपराध नियंत्रण के उपाय और सच्चा बहादुर
प्रभु प्रेमियों! इस पुस्तक की बारहवीं कहानी "सच्चा बहादुर" में आप जानेंगे कि अपराधी को उसके अपराध के अनुसार उसकी सही सजा क्या होनी चाहिए? इस संबंध में शेख सादी के विचार क्या हैंं? इसके साथ ही आप निम्न बातों पर भी कुछ-न-कुछ जानकारी प्राप्त कर सकते हैं; जैसे कि अपराध के लक्षण, अपराध के सिद्धांत, अपराध शास्त्र के सिद्धांत, अपराध शास्त्र के जनक कौन है, अपराध नियंत्रण के उपाय, भारत में अपराध के कारण, अपराध के मनोवैज्ञानिक सिद्धांत, अपराध शास्त्र क्रिमिनोलॉजी इन हिंदी, अपराध के प्रकार, अपराध क्या है, सामाजिक अपराध क्या है, आदि बातें। तो आइये पढ़े-
१२. सच्चा बहादुर
हारून - अल - रशीद का पुत्र क्रोध में भरा हुआ उसके पास आकर बोला , “ उस सिपाही के बेटे ने मुझे माँ की गाली दी है । "
बादशाह ने दरबारियों से पूछा , “ इस जुर्म ( अपराध ) की क्या सजा दी जाए ? "
एक ने राय दी कि मुजरिम को कत्ल कर दिया जाए । दूसरे की राय थी कि उसकी जबान कटवा दी जाए । तीसरे ने कहा कि उसकी जायदाद जब्त करके उसे शहर से निकलवा देना चाहिए ।
शेख शादी |
हारून - अल - रसीद को किसी की राय पसन्द नहीं आयी । वह अपने पुत्र से बोला , “ शराफत ( सज्जनता ) तो यह है कि तू उसे माफ कर दे । यदि इतना नहीं कर सकता , तो तू भी उसे माँ की गाली दे ले । इससे आगे न बढ़ , नहीं तो फिर जुल्म तेरी तरफ से होगा और इंसाफ के लिए दावा उसकी तरफ से । "
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सत्संग ध्यान से संबंधित प्रश्न ही पूछा जाए।