BS09 प्रेरक संत-संस्मरण || ४८ अपने सामान की सुरक्षा || गुरुसेवी भगीरथ बाबा के संस्मरण Protect your belongings
अपने सामान की सुरक्षा
प्रभु प्रेमियों ! अपने सामान की सुरक्षा के लिए, भीड़-भाड़ वाली जगहों पर कीमती चीज़ें आगे की जेब में रखें, बैग को हमेशा सामने रखें, घर पर खिड़कियाँ-दरवाज़े बंद करें और घर से निकलते समय ज़रूरी दस्तावेज़ अलग-अलग जगहों पर रखें, साथ ही यात्रा के दौरान मज़बूत ताले और पैकिंग का ध्यान रखें। घर पर सुरक्षा के लिए अलार्म सिस्टम और सीसीटीवी लगवाएं और बाहर जाते समय अनजान लोगों से सावधान रहें। इस तरह के एडवाइजरी तो आप बराबर सुनते रहते होंगे पर संत महात्मा किस तरह से लोगों को उपरोक्त बातों की जानकारी देते हैं । यह इस संस्मरण से पता चलता है-
सन् १९६० ई० में महर्षि मेँहीँ आश्रम, कुप्पाघाट का निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ। पहले यह आश्रम अर्थाभाव में था। पूज्य गुरुदेव के प्रति विशेष श्रद्धा रखनेवाले एक व्यक्ति ने एक गाय और उसके खाने के लिए भूसा भी दिये। एक छोटा कमरा में भूसा रखा गया। आश्रम के बगल के मुहल्ला के रहनेवाले एक व्यक्ति को गाय के खिलाने का भार दिया गया। वह व्यक्ति एक रात कुछ भूसा लेकर अपनी भैंस को खिलाने के लिए चला गया। प्रातःकाल जब पूज्य गुरुदेव टहलने के लिए निकले तो रास्ते में कुछ भूसा गिरा हुआ दिखाई दिया। जब वह गाय खिलानेवाला व्यक्ति आश्रम आया, तब उनसे पूछा गया कि तुम रात में अपना घर भूसा ले गये हो? पहले तो वह कुछ नहीं बोला। बहुत पूछने पर उसने स्वीकार किया कि मैं भूसा ले गया हूँ। यह सुनकर पूज्य गुरुदेव उनसे भूसा-घर की चाभी लेकर अपने पास रख लिये। जरूरत भर भूसा निकलवाकर चाभी अपने पास रखने लगे। यह कार्य कर इन्होंने यह शिक्षा दी कि अपने सामान की सुरक्षा स्वयं करनी चाहिए।
~~गुरूसेवी स्वामी भागीरथ दास जी महाराज। ( प्रेरक संत-संस्मरण संसमरण संख्या ४८ )
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Reviewed by सत्संग ध्यान
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12/31/2025
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