स्वामी रघुनंदन जी महाराज द्वारा रचित पुस्तकें
प्रभु प्रेमियों ! बहुमुखी प्रतिभासम्पन्न, एकनिष्ठ साधक, ख्याति-प्राप्त महात्मा. एवं विलक्षण व्यक्तित्व के प्रतिमूर्ति स्वामी रघुनंदन बाबा का साहित्य अपने लोकप्रियता, विषय की सरलता और जनसाधारण के बीच लोकप्रियता के कारण विशेष रूप से जाने जाते हैं। आइये उनके साहित्य के बारे में जानते हैं।
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 | | स्वामी रघुनंदन जी महाराज | |
स्वामी रघुनंदन साहित्य सुमनावली
1. मधुर कथा 2. ज्ञान-कथा 3. कथा-सरिता 4. कथा सुधा सरोवर 5. सरस भजन सरोवर 6. शतक भजनावली 7. रघुनन्दन भजनावली 8. ज्ञान रत्न गीता
प्राप्ति स्थान : स्वामी रघुनन्दन जी महाराज मह्षि मेंहीं आश्रम, चौक वाजार, सुल्तानगंज भागलपुर (विहार), मो0- 8084006875.
आपके द्वारा रचित पुस्तक जो जनसाधारण के बीच काफी प्रचलित है। अध्यात्म ज्ञान को सरलतम ढंग से समझाती है। इसका संक्षिप्त वर्णन निम्नलिखित प्रकार से है-
 | | स्वामी रघुनंदन भजनावली |
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 | | स्वामी रघुनंदन भजनावली 01 |
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 | | स्वामी रघुनंदन भजनावली 02 |
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 | | स्वामी रघुनंदन भजनावली 03 |
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 | | स्वामी रघुनंदन भजनावली 04 |
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 | | स्वामी रघुनंदन भजनावली 05 |
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 | | स्वामी रघुनंदन भजनावली 06 |
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 | | स्वामी रघुनंदन भजनावली 07 |
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 | | स्वामी रघुनंदन भजनावली 08 |
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 | | स्वामी रघुनंदन भजनावली 09 |
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 | | स्वामी रघुनंदन भजनावली 10 |
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 | | स्वामी रघुनंदन भजनावली 11 |
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 | | स्वामी रघुनंदन भजनावली 12 |
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उपरोक्त सभी पुस्तकों के प्राप्ति स्थान-- महर्षि मेँहीँ आश्रम, कुप्पाघाट, भागलपुर-3 (बिहार)
अथवा
"सत्संग ध्यान स्टोर" से ओनलाइन मंगा सकते हैं।
प्रभु प्रेमियों ! उपरोक्त सभी साहित्य के साथ-साथ सद्गुरु महर्षि मेँहीँ परमहंस जी महाराज के सभी साहित्य
एवं अन्य संत महात्माओं के साहित्य आप महर्षि मेँहीँ आश्रम से ऑफलाइन में खरीद सकते हैं और 'सत्संग ध्यान स्टोर' से ऑनलाइन मंगा सकते हैं। उपरोक्त पुस्तकों के बारे में विशेष परिस्थिति में 7547006282 नंबर के व्हाट्सएप पर मैसेज करें, फोन नहीं करें क्योंकि इससे मोक्ष पर्यन्त ध्यान अभ्यास में डिस्टर्ब होता है।
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