साध्वी गोल्डनजी की साहित्य परिचय और ओनलाइन बिक्री
प्रभु प्रमियों ! साध्वी गोल्डनजी को आध्यात्मिक साधना में गहरी रुचि है। इन्हें सत्संग और स्वाध्याय से भी बड़ा लगाव है। इनमें लेखन-प्रतिभा भी है। इन्होंने कई पुस्तकें लिखी हैं, जो संतों के विचारों से संबंधित हैं इनमें काव्य-प्रतिभा भी देखी जाती है। इन्हीं सब गुनों से प्रभावित है इनके निम्नलिखित प्रकाशित साहित्य है--
| दीक्षा-संस्सकार अध्यात्मिके परिष्कार |
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'दीक्षा संस्कार : आत्मिक परिष्कार' --साध्वी गोल्डन ब्रह्मचारिणी की पुस्तक
प्रभु प्रमियों ! झारखंड गोड्डा जिलान्तर्गत पावन ग्राम डोय आदर्श सत्संगी श्रीसीताराम चौधरी की धर्मपत्नी शिरोमणि देवी की पुत्री श्रद्धेया लेखिका आबाल ब्रह्मचारिणी साध्वी गोल्डन ब्रह्मचारिणी का जीवन आदर्श परम पवित्र आद्याशक्ति शब्दात्मिका दुर्गा-वैष्णवी से लेकर पौराणिक विदूषिता आध्यात्मिक वैभव विभूषिता से लेकर अर्वाचीन भक्तिकालिक साध्वियों की तरह संघर्षात्मक विभिन्न कायिक, वाचिक एवं मानिसक तपों से सन्तप्त तथा युवा परिवेश की परीक्षाओं से अति परीक्षित रहते देखा गया है। क्यों नहीं, जिनके ऊपर अति लघु बालिकावय से मर्यादा पुरुषोत्तम सदृश रामानुग्रह जैसे अनुपम सद्गुरु संत शिरोमणि परमाराध्य महर्षि मैं हीँ परमहंसजी महाराज का व्यक्ताव्यक्त वरदहस्त के साथ ही श्रीरामभक्त संत हनुमान महावीर नाम एवं सद्गुणधारी सद्गुरु महर्षि संतसेवी परमहंसजी महाराज द्वारा शीर्षस्थ दीक्षा-दान स्वरूप शुभाशीर्वाद प्राप्त हुआ हो, उनके संबंध में सब कुछ लिखना नहीं कुछ बराबर ही समझा जा सकता है। उनके द्वारा प्रणीत पन्द्रह शीर्षकों से समन्वित 'दीक्षा-संस्कार : आत्मिक परिष्कार' पुस्तक को मैंने आद्योपान्त निज से पढ़कर अवलोकनात्मक परिकोष्ठ में सन्निहित अनुभव को अनुभूत कर मेरी लेखनी यह स्पष्ट लिखने को विवश हो चुकी है कि आज के पद, पैसा, प्रतिष्ठा एवं ऊँची इमारत का सुखभोगपरस्त जीवन में अंतरिक्ष का शैर सम्पन्न विलासिता वाले तिमिस्राछन्न मोह मदमस्त जीवन को दिव्य प्रकाश से प्रकाशित करने में प्रस्तुत पुस्तक लौकिक एवं वैदिक प्रतिभापूर्ण है।
धर्मग्रंथों, संतवाणियों के प्रमाण के आधार पर 'दीक्षा संस्कार' नामक पुस्तक की रचना करके मानव-समाज के लिए एक महत्त्वपूर्ण कार्य किया है। इस पुस्तक में मनुष्य के इहलौकिक और पारलौकिक कल्याण से संबंधित 'दीक्षा-संस्कार : आत्मिक परिष्कार' विषयों को विशेष रूप से प्रस्तुत किया गया है, जो सराहनीय है।
सामान्य पढ़े-लिखे लोग तथा उच्चकोटि के विद्वानों, सत्संगियों, महिला-पुरुषों, किशोर-किशोरियों के लिए यह 'दीक्षा-संस्कार आत्मिक परिष्कार' पठनीय और मननीय पुस्तक है। संतमतानुयायी ब्रह्मचारिणी डॉ. गोल्डन ने अपनी युवावस्था भी साधना, तपस्या, त्याग और आराधना तथा गुरुकृपा से जैसी तेजस्विता अर्जित की है, उससे में विश्वस्त हूँ कि उसे गुरुदेव की कृपा से साधना की सारी सफलताएँ निश्चित रूप से प्राप्त प्राप्त होंगी और इसी कृति से लोकजीवन सहित संतमतानुयायीगण पुरजोर लाभान्वित होंगे। आइये इस पुस्तक के कुछ मुख्य पृष्ठों का अवलोकन करते हैं--
| दीक्षा-संस्सकार अध्यात्मिके परिष्कार |
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दीक्षा-संस्कार आत्मिक परिष्कार 2 |
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दीक्षा-संस्कार आत्मिक परिष्कार 3 |
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दीक्षा-संस्कार आत्मिक परिष्कार 4 |
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दीक्षा-संस्कार आत्मिक परिष्कार 5 |
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दीक्षा-संस्कार आत्मिक परिष्कार 6 |
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दीक्षा-संस्कार आत्मिक परिष्कार 7 |
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दीक्षा-संस्कार आत्मिक परिष्कार |
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साध्वी गोल्डनजी की अन्य प्रकाशित पुस्तक
प्रकाशित कृतियाँ:
1. संतमत सत्संग और महर्षि संतसेवी से साहित्य में गुरुतत्व
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