MS16 राजगीर-हरिद्वार-दिल्ली सत्संग || 26 प्रवचनों में ईश्वर भक्ति, सदाचार और सत्संग की विशद व्याख्या
MS16 राजगीर-हरिद्वार-दिल्ली सत्संग
![]() |
राजगीर- हरिद्वार-दिल्ली सत्संग |
राजगीर- हरिद्वार-दिल्ली सत्संग
बिहार प्रान्त में राजगीर भगवान बुद्ध और भगवान महावीर तीर्थंकर के प्रचार का प्रमुख क्षेत्र रहा है। ढाई सहस्र वर्षों से भी अधिक समय व्यतीत होने के बावजूद वहाँ उनके प्रतीक विद्यमान हैं। इसी राजगीर ( राजगृह ) में अखिल भारतीय संतमत सत्संग का विशेषाधिवेशन दिनांक २८, २९ एवं ३० अक्टूबर, १९६६ ई० में हुआ था। उक्त अवसर पर परम पूज्य महर्षि मेँहीँ परमहंसजी महाराज, श्रीसंतसेवीजी महाराज, नव नालन्दा महाविहार के निदेशक भिक्षु श्रीजगदीश काश्यपजी महाराज तथा कोशी कॉलेज, खगड़िया (मुंगेर) के उपप्राचार्य श्रीविश्वानन्दजी महोदय के प्रवचन हुए थे।
उसके बाद भारत के सुप्रसिद्ध तीर्थक्षेत्र हरिद्वार में जहाँ बड़े-बड़े साधु-महात्मा एवं महामण्डलेश्वर रहते हैं, ८, ९ एवं १० जून, १९६८ ई० में अखिल भारतीय संतमत सत्संग का वार्षिक महाधिवेशन हुआ था। इस अवसर पर परम पूज्य महर्षि मेँहीँ परमहंसजी महाराज के अतिरिक्त स्थानीय महामण्डलेश्वरों के भी प्रवचन हुए थे।
तत्पश्चात् १, २ तथा ३ मार्च, १९७० ई० को अखिल भारतीय संतमत सत्संग का वार्षिक महाधि वेशन भारत की राजधानी दिल्ली में हुआ था। जहाँ देश-विदेश के उच्च कोटि के विद्वान् सज्जन रहते हैं। इस महाधिवेशन में भी परमपूज्य महर्षि मेँहीँ परमहंसजी महाराज के अतिरिक्त कतिपय साधुओंए एवं वरिष्ठ विद्वानों के प्रवचन हुए थे।
इन तीनों महाधिवेशनों के सभी प्रवचनकर्ताओं के प्रवचनों को एकत्रित कर पुस्तकाकार रूप देने की प्ररेणा सत्संग-प्रेमियों की ओर से होने लगी। परिणाम स्वरूप उनका संगृहीत रूप पुस्तक' 'राजगीर - हरिद्वार - दिल्ली- सत्संग' नाम से आपके कर-कमलों में है।
समाज में ईश्वर भक्ति, सदाचार और सत्संग की बड़ी आवश्यकता है। इन विषयों का प्रचार अधिकाधिक रूप से समाज के अन्दर हो, इसी उद्देश्य से इस पुस्तक का प्रकाशन किया गया है। उपर्युक्त विषयों की विशद व्याख्या इस पुस्तक में आ गई है। आशा है, अध्यात्म-प्रेमीगण प्रस्तुत पुस्तक को अपनाकर अपने आत्म-कल्याण का मार्ग प्रशस्त करेंगे।
![]() |
राजगीर - हरिद्वार - दिल्ली- सत्सं |
![]() |
MS16_आंतरिक_पेज_1 |
![]() |
MS16_आंतरिक_पेज_2 |
![]() |
MS16_आंतरिक_पेज_3 |
![]() |
MS16_आंतरिक_पेज_4 |
![]() |
MS16_आंतरिक_पेज_5 |
![]() |
MS16_आंतरिक_पेज_6 |
![]() |
MS16_आंतरिक_पेज_7 |
![]() |
MS16_आंतरिक_पेज_8 |
![]() |
MS16_आंतरिक_पेज_9 |
![]() |
MS16_लास्ट कवर |
राजगीर-हरिद्वार-दिल्ली सत्संग
विषय-सूची
क्रमांक विषय
राजगीर
१. अ० भा० संतमत सत्संग के विशेषाधिवेशन में महर्षि
मेँहीँ परमहंसजी महाराज का प्रवचन
२. भिक्षु श्रीजगदीश काश्यपजी, निदेशक, नव नालंदा
महाविहार का प्रवचन
३. श्रीसन्तसेवीजी महाराज का प्रवचन
४. स्वागताध्यक्ष श्रीविश्वानन्दजी महोदय, उपप्राचार्य,
कोशी कॉलेज, खगड़िया (मुंगेर) का प्रवचन
हरिद्वार
१. अ० भा० संतमत सत्संग के ६० वें वार्षिक महाधि- वेशन में महर्षि मेँहीँ परमहंसजी महाराज का प्रवचन
२. भिक्षु श्रीजगदीश काश्यपजी, निदेशक, नव नालंदा
महाविहार का स्वागत भाषण
३. उपस्वागताध्यक्ष महन्थ श्रीश्यामसुन्दर दासजी महाराज, श्रीगरीबदासीय आश्रम, मायापुर ( हरिद्वार) का स्वागत भाषण
४. भगवद्धाम के परमाध्यक्ष, महामण्डलेश्वर स्वामी श्रीगोविन्दानन्द जी महाराज का प्रवचन
५. मोहन जगदीश आश्रम के महामण्डलेश्वर स्वामी
श्रीजगदीश्वरानन्दजी महाराज का प्रवचन
६. स्वामी श्रीब्रह्मानन्दजी महाराज का प्रवचन
७. चैतन्य कुटिया के महन्थ पूज्य स्वामी श्रीप्रभुदासजी
महाराज का प्रवचन
८. महामण्डलेश्वर स्वामी श्रीपूर्णानन्दजी महाराज का प्रवचन
१०. परम साध्वी ललिताम्वा माँ का प्रवचन
१२. महामण्डलेश्वर पूज्य स्वामी श्रीरामस्वरूपजी महाराज, वेदान्ताचार्य का प्रवचन
इस पुस्तक को आप ओनलाइन अभी खरीदें । इसे ऑनलाइन खरीदने के लिए निम्नलिखित वेवसाईट है --
सत्संग ध्यान स्टोर 📚 सामग्री-सूची
प्रभु प्रेमियों ! सद्गुरु महर्षि मेँहीँ सहित संतों के सभी पुस्तकें, चित्र, लौकेट, कलम, आसनी एवं सत्संग ध्यान से संबंधित अन्य सभी सामग्री "सत्संग ध्यान स्टोर" पर ऑनलाइन एवं ऑफलाइन उपलब्ध है. उन सामग्रियों को खरीद कर आप मोक्ष-पर्यंत चलने वाले ध्यानाभ्यास कार्यक्रम में सहयोग करने का पुण्य प्राप्त करेंगे। क्योंकि इसके आमदनी से उपरोक्त कार्यक्रम का संचालन होता है। अत: अभी कुछ-न-कुछ आर्डर अवश्य करें. अपनी आवश्यक सामग्री देखने के लिए 👉 यहां दबाएं।
सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज की पुस्तकें मुफ्त में पाने के लिए शर्तों के बारे में जानने के लिए यहां दवााएं।---×---

कोई टिप्पणी नहीं:
सत्संग ध्यान से संबंधित प्रश्न ही पूछा जाए।