Ad

Ad2

MS16 राजगीर-हरिद्वार-दिल्ली सत्संग || 26 प्रवचनों में ईश्वर भक्ति, सदाचार और सत्संग की विशद व्याख्या

MS16 राजगीर-हरिद्वार-दिल्ली सत्संग

     प्रभु प्रेमियों ! 'महर्षि मेँहीँ साहित्य सूची' की सोलहवीं पुस्तक "राजगीर-हरिद्वार-दिल्ली सत्संग" है । इस पुस्तक में  सद्गुरु महर्षि मेँहीँ परमहंस जी महाराज  एवं  अन्य महापुरुषों  के 26 प्रवचन हैं। इन प्रवचनों में समाज में ईश्वर भक्ति, सदाचार और सत्संग की बड़ी आवश्यकता है। इन विषयों की विशद व्याख्या इस पुस्तक है। आशा है, अध्यात्म-प्रेमीगण प्रस्तुत पुस्तक को अपनाकर अपने आत्म-कल्याण का मार्ग प्रशस्त करेंगे। आइये इस पुस्तक का अवलोकन करते हैं--

महर्षि मेँहीँ साहित्य सीरीज की पंद्रहवी  पुस्तक "MS15 सत्संग सुधा भाग 4 || 26 प्रवचनों में वेद-उपनिषद्, गीता-रामायण एवं सन्तवाणी सम्मत ईश्वर-भक्ति का वर्णन " के बारे में जानने के लिए   👉 यहां दवाएँ। 


राजगीर- हरिद्वार-दिल्ली सत्संग
राजगीर- हरिद्वार-दिल्ली सत्संग


राजगीर- हरिद्वार-दिल्ली सत्संग

     प्रभु प्रेमियों  !  अखिल भारतीय संतमत सत्संग का वार्षिक महाधिवेशन करीब १०१ वर्षों से लगातार होता चला आ रहा है। इन महाधिवेशनों में तीन महाधिवेशन भारत के विशेष प्रमुख स्थानों में हुए हैं । उक्त अवसर पर जिन-जिन महात्माओं तथा आध्यात्मिक विद्वान् सज्जनों के प्रवचन एवं भाषण हुए हैं, उन सबका संग्रह रूप यह पुस्तक है। 

     बिहार प्रान्त में राजगीर भगवान बुद्ध और भगवान महावीर तीर्थंकर के प्रचार का प्रमुख क्षेत्र रहा है। ढाई सहस्र वर्षों से भी अधिक समय व्यतीत होने के बावजूद वहाँ उनके प्रतीक विद्यमान हैं। इसी राजगीर ( राजगृह ) में अखिल भारतीय संतमत सत्संग का विशेषाधिवेशन दिनांक २८, २९ एवं ३० अक्टूबर, १९६६ ई० में हुआ था। उक्त अवसर पर परम पूज्य महर्षि मेँहीँ परमहंसजी महाराज, श्रीसंतसेवीजी महाराज, नव नालन्दा महाविहार के निदेशक भिक्षु श्रीजगदीश काश्यपजी महाराज तथा कोशी कॉलेज, खगड़िया (मुंगेर) के उपप्राचार्य श्रीविश्वानन्दजी महोदय के प्रवचन हुए थे। 

     उसके बाद भारत के सुप्रसिद्ध तीर्थक्षेत्र हरिद्वार में जहाँ बड़े-बड़े साधु-महात्मा एवं महामण्डलेश्वर रहते हैं, ८, ९ एवं १० जून, १९६८ ई० में अखिल भारतीय संतमत सत्संग का वार्षिक महाधिवेशन हुआ था। इस अवसर पर परम पूज्य महर्षि मेँहीँ परमहंसजी महाराज के अतिरिक्त स्थानीय महामण्डलेश्वरों के भी प्रवचन हुए थे। 

     तत्पश्चात् १, २ तथा ३ मार्च, १९७० ई० को अखिल भारतीय संतमत सत्संग का वार्षिक महाधि वेशन भारत की राजधानी दिल्ली में हुआ था। जहाँ देश-विदेश के उच्च कोटि के विद्वान् सज्जन रहते हैं। इस महाधिवेशन में भी परमपूज्य महर्षि मेँहीँ परमहंसजी महाराज के अतिरिक्त कतिपय साधुओंए एवं वरिष्ठ विद्वानों के प्रवचन हुए थे। 

     इन तीनों महाधिवेशनों के सभी प्रवचनकर्ताओं के प्रवचनों को एकत्रित कर पुस्तकाकार रूप देने की प्ररेणा सत्संग-प्रेमियों की ओर से होने लगी। परिणाम स्वरूप उनका संगृहीत रूप पुस्तक' 'राजगीर - हरिद्वार - दिल्ली- सत्संग' नाम से आपके कर-कमलों में है। 

     समाज में ईश्वर भक्ति, सदाचार और सत्संग की बड़ी आवश्यकता है। इन विषयों का प्रचार अधिकाधिक रूप से समाज के अन्दर हो, इसी उद्देश्य से इस पुस्तक का प्रकाशन किया गया है। उपर्युक्त विषयों की विशद व्याख्या इस पुस्तक में आ गई है। आशा है, अध्यात्म-प्रेमीगण प्रस्तुत पुस्तक को अपनाकर अपने आत्म-कल्याण का मार्ग प्रशस्त करेंगे। 

              अ०भा० संतमत सत्संग- प्रकाशन समिति
       महर्षि मेँहीँ आश्रम, कुप्पाघाट भागलपुर - ३ ( बिहार )
                          गुरु पूर्णिमा सं० २०६९

MS16 राजगीर हरिद्वार दिल्ली सत्संग
राजगीर - हरिद्वार - दिल्ली- सत्सं
MS16_आंतरिक_पेज_1
MS16_आंतरिक_पेज_1
MS16_आंतरिक_पेज_2
MS16_आंतरिक_पेज_2
MS16_आंतरिक_पेज_3
MS16_आंतरिक_पेज_3
MS16_आंतरिक_पेज_4
MS16_आंतरिक_पेज_4
MS16_आंतरिक_पेज_5
MS16_आंतरिक_पेज_5
MS16_आंतरिक_पेज_6
MS16_आंतरिक_पेज_6
MS16_आंतरिक_पेज_7
MS16_आंतरिक_पेज_7
MS16_आंतरिक_पेज_8
MS16_आंतरिक_पेज_8
MS16_आंतरिक_पेज_9
MS16_आंतरिक_पेज_9

MS16_लास्ट कवर
MS16_लास्ट कवर


राजगीर-हरिद्वार-दिल्ली सत्संग

विषय-सूची

क्रमांक  विषय

राजगीर

१. अ० भा० संतमत सत्संग के विशेषाधिवेशन में महर्षि

    मेँहीँ परमहंसजी महाराज का प्रवचन 

२. भिक्षु श्रीजगदीश काश्यपजी, निदेशक, नव नालंदा

    महाविहार का प्रवचन 

३. श्रीसन्तसेवीजी महाराज का प्रवचन

४. स्वागताध्यक्ष श्रीविश्वानन्दजी महोदय, उपप्राचार्य,

कोशी कॉलेज, खगड़िया (मुंगेर) का प्रवचन

हरिद्वार

१. अ० भा० संतमत सत्संग के ६० वें वार्षिक महाधि- वेशन में          महर्षि मेँहीँ परमहंसजी महाराज का प्रवचन 

२. भिक्षु श्रीजगदीश काश्यपजी, निदेशक, नव नालंदा

    महाविहार का स्वागत भाषण

३. उपस्वागताध्यक्ष महन्थ श्रीश्यामसुन्दर दासजी महाराज,                श्रीगरीबदासीय आश्रम, मायापुर ( हरिद्वार) का स्वागत भाषण

४. भगवद्धाम के परमाध्यक्ष, महामण्डलेश्वर स्वामी श्रीगोविन्दानन्द     जी महाराज का प्रवचन 

५. मोहन जगदीश आश्रम के महामण्डलेश्वर स्वामी

  श्रीजगदीश्वरानन्दजी महाराज का प्रवचन 

६. स्वामी श्रीब्रह्मानन्दजी महाराज का प्रवचन

७. चैतन्य कुटिया के महन्थ पूज्य स्वामी श्रीप्रभुदासजी

    महाराज का प्रवचन

८. महामण्डलेश्वर स्वामी श्रीपूर्णानन्दजी महाराज का प्रवचन

९. पण्डित श्रीभगवान वल्लभ पाण्डेयजी महाराज का प्रवचन

१०. परम साध्वी ललिताम्वा माँ का प्रवचन

११. महामण्डलेश्वर ब्रह्महरिजी महाराज का प्रवचन 

१२. महामण्डलेश्वर पूज्य स्वामी श्रीरामस्वरूपजी महाराज,                  वेदान्ताचार्य का प्रवचन


दिल्ली.

 १. अ० भा० संतमत सत्संग के ६२वें वार्षिक महाधिवेशन में 
     महर्षि मेँहीँ परमहंसजी महाराज का प्रवचन
२. श्रीसन्तसेवीजी महाराज का प्रवचन 
३. स्वागताध्यक्ष श्रीमहावीर दास, एम० पी० का स्वागत- भाषण
४. दिल्ली नगर निगम के महापौर श्रीहंसराज गुप्त का 
     उद्घाटन - भाषण
५. अ० भा० संतमत सत्संग महासभा के उपाध्यक्ष,                 _      श्रीविश्वानन्दजी महोदय, उपप्राचार्य, कोशी कॉलेज,                     खगड़िया   (मुंगेर) का प्रवचन
६. भारत सरकार के उपमंत्री, डॉ० सरोजिनी महिषी का
     प्रवचन 
७. भारत सरकार के उपमंत्री, चौधरी श्रीरामसेवकजी का 
    प्रवचन
८. भारत सरकार के उपमंत्री, श्रीसिद्धेश्वर प्रसादजी का प्रवचन 
९. भारत सरकार के उपमंत्री, श्री बी० एस० मूर्ति का प्रवचन 
१०. श्रीलालबहादुर विद्यापीठ के प्राचार्य श्रीशिवदास 
      मिश्र, वेदाचार्य का प्रवचन
११. स्वागत गान 
         ( रचयिता एवं गायक-र - सुरेशचन्द्र सेठ, प्रवक्ता) 
---×---

इस  पुस्तक को आप ओनलाइन अभी खरीदें ।   इसे ऑनलाइन खरीदने के लिए निम्नलिखित वेवसाईट है --



सचेतन



MS16 राजगीर हरिद्वार दिल्ली सत्संग
राजगीर-हरिद्वार-दिल्ली-सत्संग

इस पुस्तक को @amazon  एवं @instamojo आदि वेबसाइटों से खरीदने के लिए   👉 यहां दबाएं। 

अभी खरीदें
Buy Now



सचेतन



''महर्षि मेँहीँ साहित्य सूची'' की सतरहवीं पुस्तक  'MS17 महर्षि मेँहीँ  वचनामृत प्रथम खंड  ||  16 प्रवचनों में  ध्यानाभ्यास, सदाचार, सद्गुरु इत्यादि व्यवहारिक ज्ञान से भरपूर पुस्तक'  के बारे में जानने के लिए   👉 यहां दबाएं । 



    प्रभु प्रेमियों ! महर्षि मेँहीँ साहित्य 📚 सीरीज के इस पोस्ट का पाठ पढ़कर आप लोगों ने जाना कि 👉  सद्गुरु महर्षि मेँहीँ परमहंस जी महाराज का प्रवचन वेद, उपनिषद, संतवाणी और धर्म शास्त्रों के कोटेशन से पुष्ट होता है और उसका पाठ करके उस पर आचरण करके मनुष्य जीवन के परम लक्ष्य को साधा जा सकता है ।  सत्संग, ईश्वर- भक्ति, सदाचार का पालन करना और अपनी जीवका के लिए कुछ उद्यम करना, जीवन के लक्ष्य साधने में आवश्यक कारक है।  आदि बातें   ।  इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का कोई संका या प्रश्न है तो हमें कमेंट करें। इस लेख के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बताएं, जिससे वे भी लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग  के   सदस्य बने । इससे आप आने वाले हर पोस्ट की सूचना अपने ईमेल पर नि:शुल्क भेज देंगे। ऐसा विश्वास है .। जय गुरु महाराज.!!  



सत्संग ध्यान स्टोर 📚 सामग्री-सूची


प्रभु प्रेमियों ! सद्गुरु महर्षि मेँहीँ सहित संतों के सभी पुस्तकें, चित्र, लौकेट, कलम, आसनी एवं सत्संग ध्यान से संबंधित अन्य सभी सामग्री "सत्संग ध्यान स्टोरपर ऑनलाइन एवं ऑफलाइन उपलब्ध है. उन सामग्रियों को  खरीद कर आप मोक्ष-पर्यंत चलने वाले ध्यानाभ्यास कार्यक्रम  में सहयोग करने का पुण्य प्राप्त करेंगे। क्योंकि  इसके आमदनी से उपरोक्त कार्यक्रम का संचालन होता है। अत: अभी कुछ-न-कुछ आर्डर अवश्य करें. अपनी आवश्यक सामग्री देखने के लिए    👉  यहां दबाएं।

सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज की पुस्तकें मुफ्त में पाने के लिए  शर्तों के बारे में जानने के लिए  यहां दवााएं
---×---

MS16 राजगीर-हरिद्वार-दिल्ली सत्संग || 26 प्रवचनों में ईश्वर भक्ति, सदाचार और सत्संग की विशद व्याख्या MS16 राजगीर-हरिद्वार-दिल्ली सत्संग || 26 प्रवचनों में ईश्वर भक्ति, सदाचार और सत्संग की विशद व्याख्या Reviewed by सत्संग ध्यान on 7/23/2023 Rating: 5

कोई टिप्पणी नहीं:

सत्संग ध्यान से संबंधित प्रश्न ही पूछा जाए।

Ad

Blogger द्वारा संचालित.