सद्गुरु की सार शिक्षा
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| सद्गुरु की सार शिक्षा |
सद्गुरु की सार शिक्षा पुस्तक की विशेषता
प्रभु प्रेमियों ! पदावली में जिन विषयों का वर्णन हुआ है , वे इस प्रकार हैं- ईश्वर का स्वरूप , जीव , माया , प्रकृति , सृष्टिक्रम , आदिनाद , संतमत के सिद्धान्त , संतमत की साधना - पद्धतियाँ ( मानस जप , मानस ध्यान , दृष्टियोग तथा शब्दयोग ) , साधना की अनुभूतियाँ , साधना के संयम , गुरु का महत्त्व , सद्गुरु के लक्षण , सद्गुरु के प्रति शिष्य के कर्त्तव्य , संत , सत्संग , सत्संग के प्रकार , विषय भक्ति , भक्ति के प्रकार , ब्रह्मरूप , गुरु - रूप , ध्यानाभ्यास का महत्त्व , जीवन सुख की दुःखरूपता , वैराग्य भावना , जीवन तथा जगत् की नश्वरता , जीने की कला , सांसारिक लोगों की स्वार्थपरता आदि - आदि । 'सद्गुरु की सार शिक्षा' पुस्तक में उपरोक्त विषयों पर ही 'महर्षि मेंहीं पदावली' के ही अधिकांश पद्यों के ज्ञान प्रकाश में ही किया है।
परम मोक्ष की प्राप्ति करने की इच्छा रखनेवाले साधकों को जितनी ज्ञान - संपदा की आवश्यकता हो सकती है , वह सब-की-सब इस पदावली में संचित है । इस दृष्टि से यह पदावली परम मोक्ष के साधकों के लिए बड़ी महत्त्वपूर्ण पुस्तक है । इसके एक - एक पद्य और एक - एक शब्द की पूरी व्याख्या होनी चाहिए । इस दिशा में 'सद्गुरु की सार शिक्षा' पुस्तक में पदावली के ही ७ वें पद्य ( " श्री सद्गुरू की सार शिक्षा , याद रखनी चाहिए ।..." ) और ९वें पद्य ( " प्रेम - भक्ति गुरु दीजिए , विनवौं कर जोड़ी ।.." ) की व्याख्या करने का प्रथम प्रयास किया गया है ।
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"सद्गुरु की सर शिक्षा" पुस्तक के बारे में
"सद्गुरु की सर शिक्षा" ग्रंथ के मूल संस्करण के लिए
LS02 संतमत - दर्शन || Santmat - Darshan || महर्षि मेंहीँ - पदावली ' के प्रथम पद्य की विस्तृत व्याख्या वाली पुस्तक के बारे में विशेष जानकारी के लिए 👉 यहां दबाएं .
Reviewed by सत्संग ध्यान
on
जुलाई 17, 2022
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